उम्र तमाम किया
बार बार ये दोहराते क्यों हो
हर दफा ये जतलाते क्यों हो
बात बात पे ...जब देखो
केवल इस बात की
दुहाई देते नज़र आते क्यों हो
यूँ भी ये जो इंतज़ार किया
वो तुम्हारा मन किया ..
तो तुमने किया
मैंने तो कभी कहा था नहीं
रुकना या इंतज़ार करना मेरा
मैंने तो चाहा था यही
कि जैसे वक़्त बदला ,परिस्थितियां बदलीं
ज़िन्दगी ने एक नयी राह पकड़ी
वैसे ही बढ़ जाओ आगे तुम भी
हाँ...बिल्कुल मेरी तरह बदल जाओ तुम भी
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